मोतिहारी की जनता मुझसे इतनी अपेक्षा रख रही है जिसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं -प्रीति
मोतिहारी:-पिछले दो दिनों की रिकार्ड तोड़ बरसात से मोतिहारी शहर जलमग्न जैसा हालात दिखा,जिसका ठीकरा नगर निगम व मेयर प्रीति गुप्ता पर शोशल मीडिया के माध्यम से शहरवासियों ने फोड़ा।जिसको लेकर मेयर प्रीति गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मेरे लिए खुशी की बात है कि मोतिहारी नगर निगम जनता मात्र ढाई साल के कार्यकाल में मुझसे इतनी अपेक्षा रख रही है जिसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं साथ ही बताई इस बार जो बरसात आई है वो रिकॉर्ड तोड़ बरसात था और पूरा नगर निगम के प्रत्येक मुहल्ला जलमग्न हो गया था।जिसको लेकर सभी सफाई कर्मचारियों की छुट्टी रद्द करते हुए जलजमाव से मुक्ति के लिए युद्ध स्तर पर सफाई कर्मी को काम पर लगाया गया कुछ ही समय मे शहर के सभी प्रमुख मार्गों व गलियों से पानी की निकासी करा दी है।
नगर निगम मोतिहारी के वासियों की जन समस्याओं जैसे नाला, रोड, पुल, पुलिया के निर्माण कार्य कराने के लिए कुल 94 योजनाओं, जिसकी कुल अनुमानित राशि रुपया — 41 करोड़ के योजनाओं का प्रशासनिक स्वीकृति देते हुए निविदा आमंत्रित कराई गई थी। ताकि आये दिन आम नागरिकों के द्वारा प्राप्त हो रही जन समस्याओं जैसे प्रतिदिन विभिन्न वार्डों में होने वाले जल जमाव की समस्या, आवागमन के लिए पथों की जर्जर स्थिति, जल निकासी हेतु नालों का निर्माण इत्यादि कराकर आम नागरिकों की जन समस्याओं को दूर किया जा सके।परंतु बिरोधियो के द्वारा नगर निगम क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों को देखा नहीं गया,और नगर निगम क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों को गलत-सलत तथ्य देकर रुकवा दिया गया है। उनके द्वारा यह तथ्य दिया गया है कि जो निविदा निगम के द्वारा निकाली गई है, उसमें एक वार्ड की योजना नहीं ली गई है।
क्या यह सही है कि सिर्फ एक वार्ड की योजना उस निविदा में नहीं निकाली गई तो उसके लिए निगम क्षेत्र के 45 वार्डों का विकास कार्य बाधित कर दिया जाए? जबकि निगम के द्वारा आगामी बैठक में छूटे हुए उक्त एक वार्ड के भी योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।परंतु तथाकथित बड़े क़द वाले नेताओं के द्वारा विकास कार्य का श्रेय नगर निगम को प्राप्त न हो, इसके लिए मेरे ऊपर सत्ता के बल का दुरुपयोग करते हुए विभागीय जांच प्रारंभ करा दी गई है।
उन्होंने प्रेस के माध्यम से ये भी बताया कि कुल 56 करोड़ रुपया की योजना से निगम क्षेत्र के आम नागरिकों को जो मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होतीं, उससे आम नागरिकों को वंचित होना पड़ गया। अगर इतने बड़े राशि से निगम क्षेत्रों में विकास कार्य होता, तो निगम क्षेत्रों की कई जटिल समस्याओं का निदान संभव था। आम नागरिकों को जल जमाव की समस्या, गंदे पानी की निकासी की समस्या, आवागमन के लिए पथों की समस्या से जूझना पड़ रहा है — केवल इसलिए कि महापौर की लोकप्रियता न बढ़े तथा मोतिहारी शहर के आम नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़े।
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